What is Obesity? How to Fight with it?

शहरों में रहने वाले 73% भारतीय अधिक वज़न वाले हैं|
लगभग हर 4 में से 3
भारतीय अधिक वज़न वाले हैं|
28-38 साल के लोगों में
ये समस्या अधिक देखी गई है|
एक सर्वे के अनुसार, 4 में से 3 भारतीयों को औसत 11 kg वज़न कम करने की आवश्यकता है|
ऐसा कहा जाता है कि ये
जो वज़न बढ़ता है, इसे बढ़ने में लगभग 12 वर्ष का समय लगता है|
किन्तु यदि एक सही योजना
के साथ काम किया जाये तो 3 महीने में इसे कम भी किया जा सकता है|

मोटापा बढ़ने के क्या कारण हैं?
आनुवंशिकता:
Ø ऐसा देखा जाता है कि माता पिता का वज़न अधिक है तो बच्चे का वज़न भी अधिक देखा जाता है| ऐसा होना आवश्यक नहीं है| ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनका खान-पान ऐसा होता है|
ख़राब उपापचय (Poor Metabolism):
Ø जब भी हम खाना खाते हैं, खाना हमारे शरीर में जाता है, पचता है, आंते खाने को और उसके पोषण को अवशोषित करती हैं, रक्त में जाता है, कोशिकाओं में जाता है, शरीर में बहुत सारी रासायनिक क्रियाएं होती हैं| इन सभी क्रिया-प्रक्रियाओं को संयुक्त रूप से उपापचय कहा जाता है| यदि यह उपापचय बहुत कमज़ोर है तो वज़न कम करना मुश्किल हो जाता है|
खाने की खराब आदतें:
Ø यदि आप अधिक मात्र में कार्बोहायड्रेट लेते हैं या मैदा, बर्गर आदि लेते हैं, ज़्यादा चीनी खा रहे हैं या आपके खाने में रेशे वाले भोजन (fiber) की मात्र कम है तो ये भी आपका वज़न बढ़ाने में मदद करता है|
कब्ज़:
Ø कहते हैं कब्ज़ कोई बीमारी नहीं है लेकिन ये सभी बीमारियों की जड़ है| यदि किसी को कब्ज़ रहती है और पेट सही प्रकार से साफ़ नहीं होता तो ये भी एक कारण है वज़न बढ़ने का|
आसीन जीवन शैली:
Ø यदि आपकी जीवनशैली ऐसी है कि बहुत अधिक बैठे रहने का काम है या दिनभर में कोई भी शारीरिक गतिविधि नहीं होती है तो ये भी एक बहुत बड़ा कारण है|
दवाइयों के दुष्प्रभाव:
Ø ऐसा देखा गया है कि जो व्यक्ति पहले ठीक था और उसकी कुछ दवाइयां चल रही हैं, तो दवाइयां लेने के बाद उसके दुष्प्रभावों के कारण भी मोटापा बढ़ जाता है|
यदि आप जितना खा रहे हैं और उतना ही शारीरिक कार्य भी कर रहे हैं यानी जितनी कैलोरी ले रहे हैं उतनी ही कैलोरी खर्च भी कर रहे हैं, तो आपका वज़न नहीं बढेगा| किन्तु यदि आप कैलोरी ज़्यादा ले रहे हैं और उसे खर्च कम कर रहे हैं तो आपका वज़न बढेगा और कम कैलोरी ले रहे हैं और खर्च ज़्यादा कर रहे हैं तो वज़न कम होगा|
अब कौन व्यक्ति मोटा है और कौन नहीं, इसके लिए एक BMI calculator आता है, ये इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध है| वैसे इसका सूत्र है – BMI = kg/m2 जहाँ kg व्यक्ति का वज़न है और m2 व्यक्ति की लम्बाई वर्ग मीटर में| एक स्वस्थ व्यक्ति का BMI 18.5 से 24.9 के बीच होता है| यदि किसी का BMI 25 से अधिक है तो वह व्यक्ति मोटा कहलाएगा| यदि किसी व्यक्ति का BMI 30 से ज़्यादा है तो उसको बहुत मोटा माना जाता है और ऐसा मोटापा अपने साथ बहुत सारी बीमारियाँ लेके आता है|

मधुमेह (Diabetes):
Ø जब व्यक्ति के अग्नाशय (Pancreas) में ज़्यादा कोशिकाएं जमा हो जाती हैं तो इन्सुलिन अच्छे से नहीं बन पाता और वो शुगर को नियंत्रित नहीं कर पाता|
दिल की बीमारियाँ:
Ø यदि आपका मोटापा बढ़ रहा है तो आपका कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ रहा होगा जिसकी वजह से हृदयाघात आने की संभावना बढ़ जाती है और दिल भी कमज़ोर होता है|
यकृत (Liver) सम्बंधित समस्याएँ:
Ø वज़न अधिक बढ़ जाने से यकृत सम्बन्धी समस्याएँ बहुत देखी जाती हैं क्योंकि वज़न बढ़ने से यकृत अच्छे से काम नहीं कर पाता और वो कमज़ोर हो जाता है|
हड्डियों से सम्बंधित
समस्याएँ:
Ø मोटापे से होने वाले नुकसानों में हड्डियों का भी स्थान है| वज़न बढ़ जाने से हड्डियाँ कमज़ोर हो जाती हैं और उनके टूटने का ख़तरा भी बढ़ जाता है|
कर्क रोग (Cancer):
Ø जी हाँ! जब हम बहुत ज्यादा खाते हैं तो हमारा वज़न बढ़ता है और कैंसर की कोशिकाओं को भी बहुत खाना मिलाता है जिससे उनका विकास भी बढ़ जाता है|
मोटापे की रोकथाम के लिए उपलब्ध उपचार
सुबह का घूमना:
Ø कहते हैं कि यदि आप सुबह के समय घूमते हैं और घूमते समय आपको पसीना नहीं आ रहा है तो आपका घूमना किसी काम का नहीं है| इस तरह घूमने से आपका वज़न कम होना असंभव है|


Ø बहुत सारे लोग
व्यायामशाला जाते तो हैं किन्तु उनमें निरंतरता नहीं है| ऐसे लोग चाह
कर भी अपना वज़न कम नहीं कर पाते|

आहार कम लेना (Crash Diet):
Ø कई लोग क्रेश डाइट का इस्तेमाल वज़न कम करने के लिए करते हैं| क्रेश डाइट वाले ये कहते हैं कि 10 दिन में 15 kg वज़न कम कर लो या 1 महीने में 25 kg वज़न कम कर लो और ऐसा हो भी जाता है लेकिन ऐसे में क्या होता है कि शरीर एक ऐसी स्तिथि में चला जाता है कि उसे छोड़ते ही वज़न वापस से बढ़ना शुरू हो जाता है और अब वो द्रुत गति से बढ़ता है और इसके बहुत सारे दुष्प्रभाव भी हैं|


Ø अभी बहुत सारी सर्जरी आ गई हैं जिनमें पेट की चर्बी को खींच कर बहार निकला जाता है| कुछ सर्जरी में तो पेट को हे काट कर छोटा कर दिया जाता है जिससे आपको भूख ही कम लगे| ऐसी सर्जरी एक तो बहुत अधिक महंगी होती हैं और दूसरा इनके शरीर पे बहुत भयानक दुष्प्रभाव होते हैं|

अब बात करते हैं की मोटापे से लड़ने का सबसे अच्छा और सुरक्षित उपाय क्या है?
उपापचय को अच्छा करना:
Ø शरीर की प्रत्येक कोशिका पर उपापचय को अच्छा करना है| अर्थात् शरीर की प्रत्येक कोशिका पर खाना अच्छे से पचना चाहिए और उसका अच्छे से इस्तेमाल करना चाहिए|
भूख को प्राकृतिक रूप से
कम करना
Ø भूख को कम करने का अर्थ यह है कि आयुर्वेदिक रूप से उसका समाधान करना| इससे आप कम खाना किन्तु पोषण से भरपूर खाना खायेंगे|
कोलेस्ट्रॉल को कम करना:
Ø यदि प्राकृतिक रूप से मोटापे को कम करने का कार्य किया जाए तो कोलेस्ट्रॉल तो कम होगा ही साथ में वापस से मोटापा बढ़ने की संभावना को भी बहुत कम किया जा सकता है|
पानी प्रतिधारण (Water Retention):
Ø बहुत सारे लोगों के शरीर में पानी प्रतिधारण की समस्या भी होती है अर्थात् पानी जमा हो जाता है| इसलिए ये कहा जाता है कि सायं में 4-5 बजे के बाद नमक की मात्रा को बिलकुल कम कर देना चाहिए क्योंकि नमक बहुत पानी मांगता है|
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1. इसबगोल भूसी:
Ø इसबगोल का मुख्य कार्य
शरीर के अन्दर की सफ़ाई करना होता है| जैसे घर में झाड़ू लगते हैं वैसे ही इसबगोल पेट के अन्दर की गन्दगी की सफ़ाई करता है|
2. टी कैटेकिंस (Tea Catechins):
Ø इसका मुख्या कार्य शरीर में एक उर्जा पैदा करना होता है जो शरीर के उपापचय को बढ़ा देती है| ये घटक किसी और वज़न कम करने वाले उत्पाद में नहीं मिलेगा|
3. गर्सिनिया अर्क (Garcinia Extract):
Ø इसका मुख्या कार्य है कि ये चर्बी को बढ़ने में सहायता करने वाले किण्वक (Enzyme) को ही रोक देता है| इससे शरीर, पहले से उपलब्ध चर्बी को जला कर उससे उर्जा ग्रहण करता है और वज़न को कम होने में सहायता मिलती है|
4. गुग्गल अर्क (गुग्गुलु Extract):
Ø आयुर्वेद में इसे कई वर्षों से मोटापे को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है| इसका मुख्य कार्य शरीर के उपापचय को बहुत तेज़ कर देना होता है जिससे चर्बी बहुत तेज़ी से पिघलती है|
5. हरीतकी (हरड़) अर्क:
Ø इसका मुख्य कार्य पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में सहयोग करना है| इसका उपयोग करने से प्राप्त होने वाले पोषक तत्वों को भी अच्छे से इस्तेमाल करता है|
6. त्रिकटु चूर्ण:
Ø ये तीन पदार्थों से मिलकर बनता है – सोंठ, काली मिर्च और पीपली| त्रिकटु की शक्ति बहुत अधिक होती है| इसका मुख्या कार्य बाक़ी की जड़ीबूटियों के कार्यक्षमता को बढ़ा देता है| इसका दूसरा मुख्या कार्य जठराग्नि को अच्छे से बनने में सहयोग करता है|
7. अमलतास चूर्ण:
Ø ये शरीर में पाचन को सुधारता है|
8. मेथी दाना चूर्ण:
Ø ये Triglycerides के स्तर को संतुलित रखने में सहयोग करता है|
9. विदांगा:
Ø ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने में सहयोग करता है|
मोटापे को कम करने के लिए ये एक पूर्णतया आयुर्वेदिक उपाय है| जो पेट की अनावश्यक चर्बी को कम करके पाचन शक्ति को सुधारता है व पेट के आकर को कम करता है| इसको लेने से शरीर में उर्जा बनी रहती है तथा ये शरीर के टॉक्सिन्स को बहार निकलने में सहयोग करता है| ये एक पूर्णतया आयुर्वेदिक उत्पाद है जिसके कोई भी दुष्प्रभाव नहीं हैं| इस उत्पाद के बारे में अधिक जानकारी के लिए comment section में बताएं एवं सम्पर्क करें|
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